योग का महत्व पर निबंध | Importance of Yoga Essay in Hindi with PDF

योग के महत्व पर निबंध Importance of Yoga Essay in Hindi with PDF

इस लेख में हम चर्चा करने जा रहे हैं योग का महत्व पर निबंध Importance of Yoga Essay in Hindi। तो चलो शुरू करते हैं-

योग का महत्व पर निबंध का प्रस्तावना:

योग प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति की विरासत रहा है। मनुष्य प्रारंभ से ही खुद को स्वस्थ रखना चाहता है, जिसके लिए योग सबसे उपयुक्त माध्यम होता है। योग का शाब्दिक अर्थ ‘युज होता है जिसका मतलब होता है जोड़ना। योग से मनुष्य में मानसिक, शारीरिक विकास के साथ साथ जीवन में अनुशासन आता है। परन्तु मध्य काल में योग का महत्व जैसे लुप्त होने लगा था।

योग दिवस:

मध्य काल के समय में योग का महत्व जैसे लुप्त होने लगा था। परन्तु इसे फिर से जीवान्त करने के लिए भारत सरकार ने इसके लिए प्रतिबर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की पहल की, जो न सिर्फ भारत के लिए अपितु सम्पूर्ण विश्व में इसके महत्व से मनुष्य को जागरूक करना था। इसे लगभग 177 देशों का समर्थन प्राप्त हुआ था।

योग की आवश्यकता:

आज के समय में व्यक्ति की जीवन शैली में कुछ भी निश्चित नहीं है – चाहे खाना पीना, सोना जागना या उसका कार्य सब बिगड़ा हुआ है। इसी कारण वह अपने स्वास्थ्य के प्रति अपना ध्यान नहीं रखता। जिसके कारण योग की आवश्यकता अत्यधिक बढ़ जाती है। वर्तमान में हर मनुष्य तनाव से ग्रसित है, तनाव ही मनुष्य को शारीरिक और मानसिक बीमारियों से ग्रसित करता है। मन को शांत करने की कोई औषधि नहीं है सिवाय योग के। योग में शारीरिक अभ्यास, सूर्य नमस्कार, अनुलोम विलोम, तथा विभिन्नप्रकार के आसनों द्वारा शारीरिक शक्ति को बढ़ाया जा सकता हैं। योगाभ्यास से कब्ज, सिर दर्द, शरीर दर्द आदि रोग तो आसानी से दूर हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त मधुमेह, उच्च रक्तचाप, आदि समस्याएँ भी दूर की जा सकती है।

योग का महत्व:

योग वह माध्यम है जो हमें रोगों से दूर रखता है, इसके अलावा यह हमें ऐसे आनंद की अनुभूति देता है जिससे हमारा चित हमेशा सकारात्मक विचारों से ओत प्रोत रहता है। योग में प्राणायाम का बहुत महत्व है, जिसमे प्राण का मतलब जीवन शक्ति है और आयाम का अर्थ ऊर्जा पर नियंत्रण से है। योगाभ्यास से न केवल शारीरिक लाभ बल्कि मानसिक समस्याओं से भी मुक्त रहता है और इसी के चलते मनुष्य को असीम शांति प्राप्त होती है। योग के अंदर आठ अंग होते है जिन्हें अष्टांग कहा जाता है – यम, नियम, प्राणायाम, आसन, धारणा, ध्यान, प्रात्याहार, समाधि को योग के आठ अंग माना जाता है।

योग के लाभ:

योग के अंदर इतने आसन सम्मिलित हैं जिनकी सहायता से अलग अलग प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती हैं। कुछ लाभ निम्न प्रकार है –

  • सर्वांगासन – इसे करने से मोटापा, कद में कमी, थकान आदि समस्याओं में लाभान्वित है, तथा थायराइड भी नियंत्रित किया जा सकता है।
  • पद्मासन – इस आसन को करने से मन की एकाग्रता में वृद्धि होती है।
  • सुर्यासन – यह पूरे शरीर को ऊर्जावान बनाता है, तथा सम्पूर्ण शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है। 
  • शीर्षासन –  इसे सभी आसनों को राजा कहा जाता है। इससे पाचन तंत्र हमेशा कार्यवान बना रहता है, तथा सभी माश्पेशियाँ पूर्ण रूप से कार्य करती हैं।
  • चक्रासन – यह कमर दर्द में लाभकारी होने के साथ साथ रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। 
  • मस्तिष्क के कार्य में सुधार करता है।
  • फेफड़ों की क्षमता में सुधार करता है।
  • हड्डियां को मजबूत करता हैं।
  • हृदय रोग का खतरा कम करता है।

इन सभी के अतिरिक्त एक सबसे अच्छा योग मैडिटेशन को माना जाता है। ध्यान करने से हम अपने मन और इन्द्रियों को अपने नियंत्रण में कर सकते हैं, जिससे हम अपने जीवन को हर कार्य करने के लिए समर्पित कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

योग सिर्फ एक कला है जो मनुष्य को स्वस्थ और शारीरिक, मानसिक रूप से प्रबल बनाता है। हम सभी को योग को अपने दैनिक जीवन में इसे एक आवश्यक क्रिया मानकर अपनाना चाहिए। वर्तमान में न जाने कितनी गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न हो रही है, जो जानलेवा भी होती है। योग ही एकमात्र ऐसा तरीका है जो हमें बिना किसी पैसे के इन सभी से लड़ने में हमें मजबूत बनाता है।

योग पर FAQs | FAQs on Yoga:

Q. योग दिवस कब मनाया जाता है?

Ans. 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

Q. योग के जनक कौन है?

Ans. भगवान शिव योग के जनक हैं।

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