होली का महत्व पर निबंध | Holi Essay In Hindi:
इस लेख में हम चर्चा करने जा रहे हैं होली पर निबंध | Holi Essay In Hindi साथ में होली का महत्व पर 10 लाइन।
होली हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। होली रंगों का त्योहार है जो पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार होली का त्योहार हर साल फरवरी या मार्च में पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का त्योहार सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत का प्रतीक है। यह पर्व सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं यह सार्वजनिक उत्सव हैं।
होली का महत्व:
यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह त्योहार कई समारोहों के माध्यम से मनाया जाता है| कुछ लोगों का मानना है कि होली नाम राजा हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के नाम से लिया गया है। इस दिन सभी महिलाएं और बच्चे होली की पूजा करते हैं। पूजा के बाद होलिका दहन किया जाता है। इस दिन भगवान को भोग लगाएं और फिर स्वयं भोजन करें।
होली मनाने का कारण:
एक बार हिरण्यकशिपु और उसकी बहन होलिका नाम के दो राक्षसों भारत पर राज करता था। वे ईश्वर को अपना शत्रु मानते थे। उसे अपने राज्य में भगवान का नाम लेना भी मना था। हिरण्यकश्यप का प्रह्लाद नाम का एक पुत्र था। प्रह्लाद भगवान के बहुत बड़े भक्त थे।
इसलिए हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को पहाड़ से नीचे उतर दिए | और उसे मारने की बहुत कोशिश की लेकिन उस भक्त को कुछ नहीं हुआ।
एक दिन हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका को बुलाया और उसे प्रह्लाद को ले जाने और आग पर बैठने के लिए कहा ताकि प्रह्लाद जलकर मर जाए। आग होलिका का कुछ नहीं बिगाड़ सकती थी क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि आग उसे जला नहीं सकती थी।
प्रह्लाद को आग में ले गया प्रह्लाद प्रभु का स्मरण करता रहा। और आग बर्फ की तरह जम गई और उस ने होलिका को भस्म कर दिया। कुछ लोगों का मानना है कि होली नाम होलिका के नाम से पड़ा है।
होलिका दहन:
प्रहलाद धर्मनिष्ठ था। इसलिए प्रह्लाद को मारना आसान नहीं था। एक दिन हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका को बुलाया और उसे प्रह्लाद को जलाने का आदेश दिया। होलिका को वरदान प्राप्त था कि आग उसे जला नहीं सकती थी। इसलिए होलिका प्रह्लाद को मारने के लिए आग में कूद गई। प्रह्लाद विष्णु के आशीर्वाद से बच गया। लेकिन होलिका को वरदान मिलने के बावजूद अंत में उसकी जान नहीं बची। इसलिए उसी दिन से होली या डोल पर्व मनाया जाता है। होलिका के लिए आग जलाकर होलिका दहन मनाया जाता है।
मथुरा में होली का त्योहार:
मथुरा में होली बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है| मथुरा में आज भी राधा कृष्ण की लीला पर आधारित होली का त्योहार मनाया जाता है। त्योहार सात दिन पहले से सुरु होता है, और आखिरी दिन तक जारी रहता है।
होली का महत्व पर 10 लाइन | 10 Lines on Holi:
- होली रंगों का त्योहार है।
- इस दिन सभी रंग लगाकर रंगीन हो जाते हैं।
- होली से पहले होलिका दहन किया जाता है।
- होली मार्च के महीने में मनाया जाता है।
- होली हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का पाठ पढ़ाती है।
- होली दोस्ती और प्यार से भरा एक त्योहार है।
- होली हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है।
- मथुरा में होली सात दिन तक मनाया जाता है
- बच्चे पानी के गुब्बारों में रंग भरकर खेलते हैं।
- लोग होली के दिन विशेष भोजन और मिठाई बनाते हैं।
निष्कर्ष:
आजकल होली का त्योहार भारत के साथ-साथ देश के बाहर भी मनाया जाता है। होली के दिन छोटों से लेकर बूढ़ों तक सभी रंगों के त्योहार में शामिल होते हैं सारे मतभेद भूलकर। चलिए सब मिलकर इस पर्व का सम्मान करें और इस पर्व को खुसीसे से मनाएं।
होली का महत्व पर FAQs | FAQs on Holi:
Q. होली पूर्णिमा विदेशों में भी मनाया जाता है?
Ans. जी हां होली पूर्णिमा को विदेशों में कई जगहों पर मनाया जाता है।
Q. मथुरा में होली का त्योहार कितने दिन तक मनाया जाता है?
Ans. मथुरा में होली का त्योहार सात दिन तक मनाया जाता है।
Q. होली कब मनाया जाता है?
Ans. होली मार्च के महीने में मनाया जाता है।
Q. होलिका किसकी बेटी है?
Ans. होलिका हिरण्यकशिपु नामक एक राक्षस की बहन और कश्यप ऋषि और दिति की कन्या थी।