रूस-यूक्रेन युद्ध पर निबंध | Essay On Russia Ukrainian War In Hindi:
आज के इस लेख में हम चर्चा करने जा रहे हैं रूस-यूक्रेन युद्ध पर निबंध Essay On Russia Ukrainian War In Hindi और साथ में रूस-यूक्रेन युद्ध पर 10 लाइन 10 Lines on Russia Ukrainian War In Hindi।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर निबंध का प्रस्तावना:
आज हम आपको बताने जा रहे हैं रूस और यूक्रेन के बीच हुए भयंकर युद्ध के बारे में। यूक्रेन पूर्व में USSR समूह का हिस्सा हुआ करता था, तहत वह अपनी ताक़त को और मजबूत करने के लिए नाटो के साथ शामिल होना चाहता था, ताकि वैश्विक स्तर पर वह खुद को एक मजबूत और शक्तिशाली राष्ट्र बना सके। परन्तु रूस इसे ऐसा करने से रोकना चाहता था, जिसके कारण रूस के द्वारा यूक्रेन पर मिसाइल से हमला किया गया था।
यूक्रेन:
यूक्रेन, रूस का पडोसी देश है, और यूरोप महादीप में आता है। यूक्रेन का राष्ट्रपति जेलेंसकी यूरोप महादीप के सबसे शक्तिशाली संगठन नाटो के साथ जुड़ना चाहता था, परन्तु रूस ऐसा नहीं चाहता था क्यूंकि वह पडोशी देश होने के कारण उसे अपने अधीन करना चाहता था। रूस ने उसे रोकने के लिए अपनी सैन्य ताक़त और आधुनिक मिसाइल के प्रयोग से यूक्रेन पर बमबारी शुरू कर दी, परन्तु यूक्रेन ने उसके आगे खुद का आत्मसमर्पण नहीं किया।
युद्ध का नकारात्मक प्रभाव:
इस युद्ध के प्रारंभ होने के साथ ही यूक्रेन की अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से नीचे गिर गयी, और ना जाने कितने लोग अपने घरों से बेघर हो गए, कई इमारतें और पुल गिराए गए, लोगों को खाने पीने की समस्या सा सामना करना पड़ रहा था, यूक्रेन की सैन्य ताक़त और टैंक रूस की ताक़त के आगे कमजोर नज़र आ रहे थे। रूस ने यूक्रेन के कई शहरो पर कब्ज़ा कर लिया था। परन्तु यूक्रेन की सरकार अपनी जिद पर टिकी हुई थी।
रूस के लिए चुनौती:
एक तरफ जहाँ रूस लगातार हमले तेज़ कर रहा था, वहीँ इस युद्ध के कारण अन्य देश रूस के खिलाफ हो रहे थे, यहाँ तक कि नाटो समूह के देशों ने रूस के साथ कई व्यापारिक समझौते ख़त्म कर दिए, वैश्विक शेयर बाज़ार पूरी तरह से बर्बाद हो रहा था। कच्चे तेल की कीमतें आसमान छु रही थी। परन्तु इस युद्ध में भारत किसी के भी पक्ष में नही रहा न ही विपक्ष में। रूस के राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन ने पूरे विश्व को सचेत किया कि अगर किसी ने यूक्रेन का साथ दिया तो वह देश भी इसका गलत परिणाम भुगतेगा।
रूस यूक्रेन विवाद पर 10 लाइन | 10 Lines on Russia Ukrainian War In Hindi:
यह विवाद अभी से नहीं वल्कि 1991 से चला आ रहा है, हम इसे निम्न बातों से और बेहतर तरीके से समझ सकते है –
- प्रारंभ में यूक्रेन USSR सोवियत संघ का हिस्सा था।
- G-7 देशों ने इस युद्ध पर रूस की कड़ी निंदा दी है।
- इस युद्द के समर्थन में भारत ने किसी भी पक्ष में भाग नहीं लिया।
- यूक्रेन और रूस कई बर्षों से एक दुसरे के सांस्कृतिक और भाषाई तौर पर एक दुसरे के साथ रह चुके हैं।
- यूक्रेन का नाटो की शक्ति में शामिल होने की कोशिश, इस युद्ध का कारण बना।
- रूस ने यूक्रेन पर हमला 24 फरवरी 2022 को किया था।
- इस युद्द को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी निंदा मिली।
- यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को सुरक्षित निकलने के लिए रूस ने भारत का पूर्ण साथ दिया, तथा सभी को भारत वापस लाया गया।
- रूस दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में गिना जाता है।
- युद्ध का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है, जिससे सम्पूर्ण विश्व में महंगाई जैसी समस्या बढ़ गयी है।
निष्कर्ष:
वर्तमान परिद्रश्य में देखा जाए तो यह युद्द काफी लम्बे समय तक चलने वाला एक मात्र युद्ध है, जिसने विश्व युद्द होने के संकेत दे दिए थे। सभी देशों को इस पर विचार करना चाहिए कि किसी भी विवाद का हल शांति से निकला जा सके, क्यूंकि आज रूस और यूक्रेन अपनी अर्थ्व्यवस्था को पुन्न पटरी पर लाने के लिए काफी बर्ष लग जायेंगे, और यह पूरे विश्व के लिए सिर्फ नकारात्मक परिणाम देता है।